Trending

Auto Sweep Facility: अगर चाहते है बचत खाते से अच्छा रिटर्न पाना तो एक्टिव करें ऑटो स्वीप फैसिलिटी

आप एफडी में मौजूद रकम को ऑटो स्वीप के जरिए कभी भी निकाल सकते हैं

दिल्ली, Auto Sweep Facility: यह आम बात है कि बचत खाते पर ब्याज दर बहुत कम होती है. लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि उनका मानना ​​है कि बचत में पैसा बढ़ाना नहीं है, सिर्फ बचाना है. लेकिन अब आपको सिर्फ इतने से ही संतुष्ट होने की जरूरत नहीं है. अब आप ऑटो स्वीप सुविधा की मदद से अपने बचत खाते में पड़े पैसे को अच्छे रिटर्न पाने का जरिया बना सकते हैं।

क्या है ऑटो स्वीप सुविधा

ऑटो स्वीप क्या है और यह कैसे काम करता है, इसके बारे में कुछ लोग जानते होंगे, लेकिन कई ऐसे भी होंगे जिन्हें इसके बारे में बहुत कम या बिल्कुल भी जानकारी नहीं होगी। तो आइए जानते हैं क्या है ऑटो स्वीप सुविधा।

इसमें आपका पैसा बचत खाते में ही जाता है लेकिन एक सीमित राशि तक। जैसे ही राशि उस सीमा से अधिक हो जाती है, अतिरिक्त राशि को एफडी में बदल दिया जाता है, जिससे खाताधारक को अच्छा रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके लिए आपको कोई अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती, यह अपने आप हो जाता है। इसीलिए इसे ऑटो स्वीप सुविधा कहा जाता है।

इसे समझते हैं एक उद्धरण से

मान लीजिए आपने ऑटो स्वीप सुविधा के साथ एक बचत खाता खोला है। अब आपको एक सीमा तय करनी होगी कि आपके पैसे को कितनी रकम के बाद एफडी में बदला जाना चाहिए। मान लीजिए कि आपने सीमा 10,000 रुपये निर्धारित की और खाते में 40,000 रुपये जमा किए। यानी 30,000 रुपये की अतिरिक्त रकम है जो एफडी में बदल जाएगी. इस रकम पर आपको एफडी का ब्याज और 10,000 रुपये पर बचत खाते का ब्याज मिलेगा.

कभी भी निकाल सकते हैं ये रकम

अगर आपको संदेह है कि एफडी में बदला गया पैसा फंस जाएगा तो आप गलत सोच रहे हैं। दरअसल, आप एफडी में मौजूद रकम को ऑटो स्वीप के जरिए कभी भी निकाल सकते हैं। जब आपको पैसों की जरूरत होगी तो यह रकम बचत खाते में आ जाएगी और आप इस पैसे को आसानी से निकाल सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ऑटो स्वीप के जरिए एफडी पर रिटर्न हर खाते के लिए अलग-अलग होता है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button